डॉ टैस्सीटोरी को समर्पित तीन दिवसीय ‘सिरजण उछब’ का आगाज परिसंवाद से हुआ

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डॉ टैस्सीटोरी को समर्पित तीन दिवसीय ‘सिरजण उछब’ का आगाज परिसंवाद से हुआ 

डॉ टैस्सीटोरी को समर्पित तीन दिवसीय ‘सिरजण उछब’ का आगाज परिसंवाद से हुआ

बीकानेर 11 दिसम्बर, 2024

 प्रज्ञालय संस्थान एवं राजस्थानी युवा लेखक संघ के संयुक्त तत्वावधान में महान् ईटालियन विद्वान राजस्थानी पुरोधा डॉ लुईजि पिओ टैस्सीटोरी की 137वीं जयंती पर तीन दिवसीय ‘सिरजण उछब’ का आगाज नत्थूसर गेट बाहर स्थित लक्ष्मीनारायण रंगा सृजन सदन में परिसंवाद के साथ हुआ।

  ‘राजस्थानी भाषा अर शिक्षा’ विषय प्रवर्तन करते हुए वरिष्ठ शिक्षाविद् महेश व्यास ने कहा कि मातृभाषा राजस्थानी में बालकों को प्राथमिक स्तर से शिक्षा देनी आवश्यक है। 

 अध्यक्षता राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा ने की। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद प्रदेश में प्राथमिक स्तर पर शिक्षा का माध्यम राजस्थानी होना बालकों के शैक्षणिक विकास में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

 मुख्य अतिथि वरिष्ठ शिक्षाविद् घनश्याम साध ने कहा कि भारतीय भाषाएं के साथ-साथ राजस्थानी भाषा में पाठ्य पुस्तकें और बाल साहित्य त्याग करने की आवश्यकता है। 

 विशिष्ट अतिथि शिक्षाविद् रमेश मोदी ने भी विचार व्यक्त किए।

 प्रारंभ में सभी का स्वागत वरिष्ठ शिक्षाविद् राजेश रंगा ने किया । 

 इस महत्वपूर्ण परिसंवाद की विशेषता यह रही कि इस विषय पर विषद विचार विमर्श शिक्षा जगत से जुड़े हुए हरिनारायण आचार्य, सुनील व्यास, भवानीसिंह, आशीष रंगा, उमेश सिंह, महावीर स्वामी, अशोक शर्मा, अविनाश व्यास, विजयगोपाल पुरोहित, किशोर जोशी, रमेश हर्ष, मुकेश तंवर, आलोक जोशी, हेमलता व्यास, सीमा पालीवाल, सीमा स्वामी, बबीता, अंजू रानी, दुर्गा रानी, ममता व्यास, किरण, इन्दुबाला सहित अनेक शिक्षक और शिक्षिकाओं ने अपनी जिज्ञासा एवं बात रखते हुए समग्र रूप से प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा राजस्थानी में हो कि सशक्त पैरोकारी करते हुए अपनी बात रखी। 

 महत्वपूर्ण परिसंवाद का संचालन शिक्षाविद्-भवानी सिंह ने किया एवं सभी का आभार संस्कृतिकर्मी आशीष रंगा ने ज्ञापित किया।


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