Bikaner : ‘सिरजण उछब’ : राजस्थानी मान्यता के लिए प्रभात फेरी निकाली

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‘सिरजण उछब’ : राजस्थानी मान्यता के लिए प्रभात फेरी निकाली


डॉ. टैस्सीटोरी की स्मृति में तीन दिवसीय कार्यक्रम - दूसरा दिन


बीकानेर 12 दिसम्बर, 2024 गुरुवार 

  प्रज्ञालय संस्थान एवं राजस्थानी युवा लेखक संघ के तत्वावधान में विद्वान राजस्थानी पुरोधा डॉ. लुईजि पिओ टैस्सीटोरी की 137वीं जयंती के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय ‘सिरजण उछब’ के दूसरे दिन नत्थूसर गेट बाहर स्थित लक्ष्मीनारायण रंगा सृजन-सदन से मान्यता हेतु प्रभात फेरी निकाली गई । इस अवसर पर मौजूद लोगों को मान्यता संकल्प दिलवाया गया।

 इस अवसर पर राजस्थानी के समर्थक एवं वरिष्ठ शिक्षाविद् राजेश रंगा ने राजस्थानी भाषा की महत्ता रेखांकित करते हुए कहा कि हमारी मातृभाषा को शीघ्र मान्यता केन्द्र व राज्य सरकार को देनी चाहिए। 

 ‘सिरजण उछब’ के सहसंयोजक हरिनारायण आचार्य ने कहा कि भाषा की अनदेखी करना दुःखद पहलू है। 

 राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार एवं राजस्थानी मान्यता आंदोलन के प्रवर्तक कमल रंगा ने कहा कि राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता मिलना एवं दूसरी राजभाषा बनना ही डॉ. टैस्सीटोरी को सच्ची श्रृद्धांजलि है। 

 प्रभात फेरी का संचालन युवा संस्कृतिकर्मी आशीष रंगा ने किया । 

 प्रभात फेरी प्रभारी भवानी सिंह के मुताबिक बच्चों ने राजस्थानी भाषा की बाल कविताओं का वाचन भी किया। 

 आयोजन में हरिनारायण आचार्य, मुकेश तंवर, उमेश सिंह, रमेश हर्ष, अविनाश व्यास, राजेश ओझा, किशोर जोशी, अशोक शर्मा, मुकेश स्वामी, श्रीकृष्ण, प्रताप सोढा, तोलाराम, सीमा पालीवाल, सीमा शर्मा, कुसुमलता जोशी, कुसुम किराडू, दीपिका राजपूत, अंजूराव, ममता व्यास, पुनम स्वामी, अलका रंगा, बबीता, नवनीत व्यास आदि शामिल रहे । 


सभी का आभार कार्यक्रम संयोजक युवा कवि गिरिराज पारीक ने ज्ञापित किया।



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